Friday 10 February 2017

तर्क और ज्ञान का संगम बना 'प्रखर 2016-17'

दीपक झा
दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री गुरु नानक देव ख़ालसा महाविद्यालय में दो दिवसीय अंतर महाविद्यालय वाद-विवाद अथवा क्विज प्रतियोगिता "प्रखर 2016-17"  का आयोजन 24-25 जनवरी को किया गया। महाविद्यालय की डिबेटिंग और क्विज़्ज़िंग सोसाइटी वेदांग द्वारा 'प्रखर' के तीसरे संस्करण में संसदीय वाद-विवाद, परम्परागत वाद-विवाद अथवा क्विज प्रतियोगिताएँ शामिल थी। इस वर्ष पहली बार प्रखर में संसदीय वाद-विवाद प्रतियोगिता को शामिल किया गया। दो दिवसीय प्रतियोगिता में पहले दिन क्विज, दूसरे दिन परम्परागत वाद-विवाद तथा संसदीय वाद-विवाद का आयोजन दोनों दिन किया गया। "प्रखर 2016-17" में कुल 40 से ज्यादा महाविद्यालय की टीमों ने तीनो प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। प्रतियोगिता का शुभ आरम्भ महाविद्यालय की प्रधानाचार्या तथा मुख्य अतिथि डॉ मनमोहन कौर ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उन्होंने अपने वक्तव्य में वाद-विवाद तथा क्विज की बारीकियों तथा इनके महत्त्व को समझाया। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया तथा शुभकामनाएँ दी। प्रतियोगिता के पहले दिन संसदीय वाद-विवाद प्रतियोगिता के प्री राउंड्स अथवा क्विज प्रतियोगिता हुई। प्रतिभागियों ने अपने तर्कों और प्रस्तुतीकरण से निर्णायकों के साथ-साथ दर्शकों को भी काफी प्रभावित किया। जिससे निर्णायकों को निर्णय लेने में काफी सोच-विचार करना पड़ रहा था। जिसके बाद संसदीय प्रतियोगिता के प्री राउंड्स से 24 टीमों में से सर्वोच्च 8 टीमों को चुना गया। जिन्होने अगले दिन क्वार्टर फाइनल खेला। क्विज में 100 से ज्यादा दलों के नाम आने के कारण इस वर्ष पहली बार ऑनलाइन प्रीलिम्स का राउंड रखा गया था। जिसका आयोजन 20 जनवरी को किया गया था। ऑनलाइन प्रीलिम्स के बाद चुनी गयी सर्वोच्च 15 टीमों ने मुख्य प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। इन सभी प्रतिभागियों ने अपने प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया। जिससे मुकाबला आखिरी दौर तक अत्यन्त रोचक बना रहा।
प्रतियोगिता के दूसरे दिन संसदीय प्रतियोगिता के नॉकआउट मैच(क्वार्टर, सेमि-फाइनल तथा फाइनल मैच) के साथ-साथ परम्परागत डिबेट का आयोजन किया गया। जिसका विषय "भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रकृति रोज़गार सर्जक नहीं हैं" था।

  • वेदांग द्वारा आयोजित वार्षिक प्रतियोगिता 'प्रखर' का तीसरा संस्करण.
  • संसदीय वाद-विवाद प्रतियोगिता रही मुख्य आकर्षण का केंद्र.




दोनों ही प्रतियोगिता में प्रतिभागियों का उत्साह और आत्मविश्वास प्रशंसनीय था। जो उनके शब्दों और तर्कों में निखर कर आ रहा था। संसदीय वाद-विवाद प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में आदर्श शुक्ला, रंगनाथ रवि, अभिनव गोयल, राहुल दुबे, नैंसी कैथरीन, नील परमार, रूपेश कुमार शुक्ला, राजीव रंजन और सुमित पाण्डेय थे तथा आर के शर्मा, भगवंत कौर, राहुल राज आर्यन ने परम्परागत वाद-विवाद के निर्णायक के तौर पर अपना सराहनीय योगदान दिया। प्रतियोगिता के अंत में पुरस्कार वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें निर्णायकों ने प्रतिभागियों के वक्तव्य की समीक्षा तथा विषय के ऊपर अपने विचार रखते हुए तीनो प्रतियोगिता के निर्णय सुनाया। संसदीय वाद-विवाद प्रतियोगिता में डिपार्टमेंट ऑफ़ एडल्ट,कंटीन्यूइंग एजुकेशन एंड एक्सटेंशन के गोपाल कुमार और डिपार्टमेंट ऑफ़ हिंदी के अनुराग सिंह की टीम को प्रथम पुरस्कार मिला। परम्परागत वाद-विवाद प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार रामानुजन कॉलेज के अमन और समृद्धि की टीम ने जीता। वही क्विज का प्रथम पुरस्कार मिरांडा हॉउस कॉलेज की अमृत प्रभा और दीपिका की टीम ने जीता। कार्यक्रम के अंत में वेदांग के संयोजक डॉ अभिषेक शर्मा और विनायनीत कौर ने मुख्य अतिथि, निर्णायकगण तथा सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद किया। इसके साथ ही फिर मिलने के वादे के साथ प्रखर का तीसरा संस्करण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

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