संदीप कुमार
महँगाई जहाँ दिन-प्रतिदिनआसमान छूति जा रहीं हैं वहीं स्वास्थ्य संबंधित समस्याएँ भी विकराल रूप लेती जा रही हैं। आज देश के लग-भग १०में से ८ व्यक्ति किसी न किसी बिमारी सेग्रसत हैऔर इस महँगाई तथा बिमारी की सबसे ज्यादा मार मध्यर्वगऔरनिम्नर्वग को झेलना पड़ रहा हैं।अच्छे इलाज के लिए इन र्वगों को सरकारी अस्पतालों पर निर्भर होना पड़ता है, इसी उम्मीद में रोज पूरे देश से लाखों लोग दिल्ली कीओर पलायन करते हैं। दिल्ली एम्स और सफदरजंग जैसे भारत के सबसे बड़े अस्पतालों में इलाज करवाने के लिए। इन अस्पतालों में मरीजों की संख्या ज्यादा और डाक्टरों की संख्या में कमी के कारण मरीजों को सही वक्त पर इलाज नहीं मिल पाता है। बिमारियों की जाँच, शल्यचिकित्सा के लिए मरीजों को २-३ साल तक के तारिख मिलते है।ये तारिख इतने लंबे हेते है की इलाज के इंतजार में बिमारी और गहरे हो जाते है या तब-तक समय हाथ से निकल जाते है वहीं जिसके पास पैसे हेते है वह अपना इलाज नीजि अस्पतालों में या कुछ महत्तवपूर्ण जाँच नीजि अस्पतालों में करवा लेते हैं।
इस विकराल समस्यॉ के तरफ चिकित्सक संस्थानों और सरकार को ध्यानदेना चाहिए ऐसे मरीज जिन कों शिघ्र इलाज की जरुरत है कम से कम उनको तो समय पर इलाज मिलना ही चाहिए।
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