Wednesday, 25 September 2019

रूप बदलता डेंगू

अमन वर्मा 
दिल्ली, सितंबर में डेंगू के 78 मामले सुसने को मिले हैं। हालांकि साल 2017 की तुलना में यह आंकड़ा बेहद कम है क्योंकि पिछले साल अगस्त के अंत तक 435 डेंगू के मामले सुनने में आए थे। इस साल डेंगू के मरीजों में कमी आई है जो दिल्ली वालों के लिए राहत की खबर है।  दिल्ली के मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल की सराहना करनी चाहिए, जिस प्रकार से देश की राजधानी दिल्ली में डेंगू को काबू करने के लिए सरकार ने 'डेंगू पर वार' मुहिम चलाया वो काबिले तारीफ है। डेंगू को लेकर मेरी बात शालीमार बाग में मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टर एस. नाथ से हुई, जिसमें उन्होंने बताया की डेंगू के वायरस की संरचना में लगातार बदलाव हो रहे हैं। वैक्सीन एवं दवाइयों के असर में भी बदलाव आया है, इसके समर्थन में दिखाई गई रिपोर्ट को पढ़ कर ये साफ होता है कि तापमान बढ़ने से डेंगू के वायरस और भी तेजी से अपना आकार बढ़ा रहे है। इस संरचनात्मक बदलाव के चलते दवाइयों का असर कम होते जा रहा है। तो क्या ये कहा जा सकता है कि जिस प्रकार मच्छरों को मारने में अब मच्छर मारक तमाम उत्पाद बेअसर हो गए हैं, उसी प्रकार अब डेंगू का इलाज भी निष्प्रभावी होते जा रहा है। अगर ऐसा है तो आने वाले समय में इस बीमारी का इलाज कैसे होगा? क्या जिस डेंगू के लगातार कम होते मामलों से हम खुश हो रहे हैं क्या ये खुशी ज्यादा दिन तक बरकरार रहेगी? यह सवाल दिल्ली वासियों के सामने आखाडा हो गया है। 

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