Saturday, 15 April 2023

आचार्य कृपलानी स्मृति व्याख्यान-2023


आचार्य कृपलानी स्मृति व्याख्यान-2023, विषय "स्वतंत्रता संग्राम के सांस्कृतिक धरोहर" की शुरुवात "वैष्णव जन" भजन के साथ शुरुवात हुई तत्पश्चात दीप प्रज्वलन किया गया। सर्वप्रथम वरिष्ठ पत्रकार श्री रामबहादुर राय ने कहा आचार्य कृपलानी रचनात्मक काम कैसे शुरू करना चाहिए तब आपको कृपलानी जी याद आयेंगे, गांधी आश्रम का विचार सबसे पहले उनके मन में आए,श्री गांधी आश्रम उन्होंने बनाया, अपनी जनसभाओं में वह कहते थे कि रचनात्मक काम होता रहेगा युवा राजनीति को सुधारने का भी काम करें.  आरिफ जी का आभार वयक्त किया।


माननीय आरिफ मोहम्मद खान- आचार्य जी को कई कार्यक्रमो में आमंत्रित किया जाता था, जे पी की समन्वय समिति की बैठक होती थी अरुण जेटली और मुझे युवा सदस्य के तौर पर शामिल किया गया। गोपाल कृष्ण गांधी जी ने कृपलानी जी के विषय में  लिखा है वो अपने तरह के व्यक्ति थे उनका अपना मिजाज था, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के वह बहुत लोकप्रिय अध्यापक थे,  गांधी जी ने उनके विषय में पत्र में लिखा था की तुम राष्ट्रीय आंदोलन में बड़ी भूमिका निभाओगे, वे कुशाग्र बुद्धि के थे, अपने आदर्शों के लिए बड़ी से बड़ी चीज का त्याग करना उनके लिए मामूली बात थी, बापू के बहुत विश्वास पात्र

थे, गोपाल के अनुसार जीवत राम भगवानदास कृपलानी थे यह उनकी समस्या थी, वह अपनी राय देने में बिलकुल नहीं हिचकते थे, गांधी के विचारों के बड़े व्याख्याकार थे मगर खुशामुदीन नही थे, कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व में थे देश आजाद होने के बाद उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया, गांधी जी ने उनसे कहा था कि किसी भी मामले तुम जो भी काम कर रहे हो उसको मापने का एक ही तरीका है कि उस से अंतिम आदमी को फायदा है या नही. 1962 के युद्ध के बाद, 1963 भारत में  पहला अविश्वास प्रस्ताव संसद में आचार्य कृपलानी जी लेकर आए थे ।

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