नई दिल्ली, 11 फरवरी। राष्ट्रीय कला मंच अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद नीत दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के सहयोग से अपने तीन दिवसीय वार्षिक सांस्कृतिक उत्सव मदारी के छठे संस्करण का आयोजन कर रहा है। यह बहुप्रतीक्षित कार्यक्रम 12 फरवरी से 14 फरवरी तक दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस में आयोजित होगा। इस कार्यक्रम में विभिन्न कलाओं, प्रदर्शनी और भारत की समृद्ध संस्कृति एवं विरासत की सजीव झलक देखने को मिलेगी।
मदारी का 6वां संस्करण 12 से 14 फरवरी तक आर्ट्स फैकल्टी, नॉर्थ कैंपस में आयोजित किया जाएगा। यह मंच, रंगमंच और नुक्कड़ नाटक टोलियों को समाजिक मुद्दों पर आधारित कला की प्रस्तुति करने का अवसर प्रदान करेगा, जिनमें साहित्य समाज का दर्पण, महिलाओं का दृष्टिकोण और छात्रों के विचार जैसे विषय शामिल हैं। मदारी के इस संस्करण को तीन प्रमुख खंड में विभाजित किया गया है। इस आयोजन में अलग अलग तीन खंड हैं। पहला खंड खिचड़ी जिसमें विभिन्न कॉलेज की सांस्कृतिक समितियाँ अपनी रचनात्मकता और कला का प्रदर्शन करेंगी। दूसरा खंड धरोहर जिसमें भारतीय लोक संस्कृति को कविता, संगीत और नृत्य के माध्यम से जीवंत करेगा। तीसरा खंड ग्राम्य जिसमें समाज की जमीनी सच्चाइयों को प्रदर्शनी के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा।
इस वर्ष मदारी में दिल्ली विश्वविद्यालय के 5000 से अधिक विद्यार्थी सहभागी होंगे, जो प्रदर्शन कला, चित्रकला और नुक्कड़ नाकट के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। विजेता टीमों को नकद पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे, जिनमें प्रतिभागियों को प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान के आधार पर सम्मानित किया जाएगा। इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण महाकुंभ पर आधारित विशेष प्रदर्शनी होगी जो भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करेगी साथ ही प्लास्टिक-मुक्त नीति के तहत पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देते हुए इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ उपाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने कहा की मदारी 2025, जो 12 से 14 फरवरी के बीच दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस में आयोजित होगा, विद्यार्थियों के लिए अपनी रचनात्मकता और कला को प्रदर्शित करने का एक शानदार मंच है। यह उत्सव तीन विशिष्ट खंडों में विभाजित है, जिनमें प्रत्येक का अपना महत्व और प्रभाव है। हमें विश्वास है कि यह आयोजन न केवल एक सांस्कृतिक उत्सव के रूप में बल्कि युवाओं को अपनी समृद्ध विरासत से जोड़ने के एक आंदोलन के रूप में भी अपनी छाप छोड़ेगा।
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ सचिव मित्रविंदा कर्णवाल ने कहा की मदारी सिर्फ एक सांस्कृतिक उत्सव नहीं है, बल्कि भारतीय परंपराओं, कला और कहानी कहने की विधाओं को पुनर्जीवित करने का एक प्रयास है। रंगमंच, संगीत और कविता के माध्यम से हम छात्रों को अपनी अभिव्यक्ति के लिए एक सशक्त मंच प्रदान करते हैं। इस वर्ष महाकुंभ पर आधारित विशेष प्रदर्शनी युवाओं को अपनी जड़ों से जोड़ने और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों को और गहराई से समझने के लिए प्रेरित करेगी।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश मंत्री हर्ष अत्री ने इस मौके पर कहा की हर वर्ष मदारी एक जीवंत और विविधतापूर्ण सांस्कृतिक संगम बनता जा रहा है। इस बार भी, यह उत्सव प्रदर्शन कला और सामाजिक अभिव्यक्ति में रुचि रखने वाले हजारों छात्रों के लिए एक समृद्ध अनुभव प्रदान करेगा। इसके साथ ही, इस कार्यक्रम के आयोजन में सिंगल यूज़ प्लास्टिक-मुक्त नीति अपनाकर हम पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालने का प्रयास कर रहे हैं।
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