नई दिल्ली, 5 अगस्त। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने बालासोर आत्मदाह घटना में महाविद्यालय एवं पुलिस असफलताओं के विरोध में मंगलवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर जोरदार विरोध प्रदर्शन कर एफएम महाविद्यालय की छात्रा एवं अभाविप की कार्यकर्ता सौम्याश्री द्वारा की गई आत्मदाह की हृदयविदारक घटना में पुलिस द्वारा साक्ष्यों के विरुद्ध दो सहपाठी -विद्यार्थियों को देर रात्रि बंदी बनाना जैसी पक्षपातपूर्ण घटना एवं दोषियों को बचाने जैसे कृत्य की निंदा की।अभाविप ने प्रदर्शन के माध्यम से इस त्रासदी में पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए। विशेषकर घटना के पश्चात दो निर्दोष सहपाठी छात्रों को देर रात बिना पर्याप्त साक्ष्य के हिरासत में लेने जैसी पक्षपातपूर्ण कार्रवाई और वास्तविक दोषियों को बचाने के प्रयास की घोर निंदा की गई।
वही छात्रा पर यौन शोषण का दबाव बनाने वाले विभागाध्यक्ष एवं कांग्रेस और बीजेडी के छात्र संगठनों के पदाधिकारियों द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से चरित्र हनन के प्रयास किए गए थे। बार-बार शासन और प्रशासन से न्याय की गुहार लगाने के बावजूद जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो सौम्याश्री ने घोर मानसिक प्रताड़ना की स्थिति में आत्मदाह जैसा अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण कदम उठाया। यह प्रकरण केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं, बल्कि संस्थागत संवेदनहीनता, राजनीतिक संरक्षणवाद और छात्राओं की असुरक्षा का ज्वलंत उदाहरण है।
अभाविप दिल्ली के प्रदेश मंत्री श्री सार्थक शर्मा ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि यह आत्मदाह कोई आकस्मिक घटना नहीं, बल्कि एक सुनियोजित चरित्र हनन, संस्थागत निष्क्रियता और राजनीतिक संरक्षण के विरुद्ध विद्रोह की अंतिम अभिव्यक्ति है। सौम्याश्री की पीड़ा को अगर समय रहते सुना गया होता, तो आज यह स्थिति नहीं आती। हम ओडिशा पुलिस से माँग करते हैं कि वह दोषियों को तुरंत गिरफ़्तार करे, छात्रा के चरित्र हनन में लिप्त राजनीतिक तत्वों पर कठोर कार्रवाई करे, और इस पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच सुनिश्चित की जाए।
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