नई दिल्ली, 09 सितंबर। एबीवीपी के नेतृत्व में दिल्ली विश्वविद्यालय के उत्तरी एवं दक्षिणी परिसर में "छात्र गर्जना" रैली आयोजित की गई। रैली का प्रमुख उद्देश्य विश्वविद्यालय प्रशासन के सामने छात्रों की समस्या को एकजुट होकर उठाना था। इस विशाल रैली में डीयू में पढ़ रहे सैकड़ों छात्रों ने प्रतिभाग किया एवं विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष अपनी समस्याएं पुरजोर तरीके से रखी।
छात्र गर्जना रैली में एबीवीपी ने छात्रहितों के विभिन्न मुद्दों को उठाया जैसे की एक पाठ्यक्रम- एक शुल्क, एससी/एसटी/ओबीसी छात्रों के लिए छात्रवृति, सभी कॉलेजों में मनोवैज्ञानिक एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ, विश्वविद्यालय स्तर पर प्लेसमेंट सेल, छात्रों के लिए रियायती मेट्रो पास, सभी कॉलेजों में छात्राओं के लिए एनसीसी उपलब्ध कराना,अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए विशेष सप्लीमेंट्री परीक्षा का प्रावधान किया जाए और बाहर से आने वाले छात्रों का शोषण रोकने हेतु प्राइवेट हॉस्टल मालिकों और छात्रों की एक समन्वय समिति बनाई जाए। इन सभी मुद्दों पर एबीवीपी ने छात्र गर्जना विरोध प्रदर्शन किया। रैली में एबीवीपी संभावित डूसू के 8 संभावित उम्मीदवारों ने भाग लिया जिसमें आर्यन मान, भूमिका चौहान, दीपिका झा, इशू मौर्य, कुणाल चौधरी, लक्ष्यराज सिंह, गोविंद तंवर, एवं यश डबास थे, उन्होंने छात्रों की मांगों को लेकर सक्रिय रूप से रैली में भाग लिया और छात्रों का नेतृत्व किया और प्रशासन से छात्रों की समस्याओं के संबंध में तत्काल कार्रवाई की मांग की।
एबीवीपी के राष्ट्रीय महामंत्री वीरेंद्र सोलंकी ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय के दोनों परिसरों में एबीवीपी को छात्रों का अच्छा जनसमर्थन मिला है। विद्यार्थी परिषद छात्रहितों की लड़ाई कैंपस में 365 दिन लड़ती है, उसी का परिणाम है कि आज फिर से छात्रों ने अपना बहुमूल्य साथ एबीवीपी को दिया। हमने डीयू प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द छात्रों की समस्याओं का समाधान किया जाए।
एबीवीपी दिल्ली के प्रांत मंत्री सार्थक शर्मा ने कहा कि छात्र गर्जना रैली छात्रों की एकीकृत आवाज़ के रूप में विश्वविद्यालय में पढ़ रहे छात्रों के साथ खड़ी है, दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों से हजारों छात्रों ने रैली में प्रतिभाग किया व प्रशासन के समक्ष अपनी चुनौतियां रखी। भारत के प्रतिष्ठित संस्थान होने के बावजूद डीयू में बुनियादे ढ़ांचे की कमी, छात्राओं के लिए स्त्री रोग विशेषज्ञ, शुद्ध पेयजल जैसी समस्याओं से छात्रों को झूझना पड़ता है। दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन को इन सभी मांगों पर तुरंत कार्रवाई करनी होगी एवं छात्रों के समग्र विकास के लिए तत्काल ठोस कदम उठाने होंगे। एबीवीपी जब तक छात्रों की सभी मांगे पूरी नहीं हो जाती है तब तक छात्रहितों की लड़ाई लड़ेगी।
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