Friday, 4 April 2025

मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में खेलों की अहम भूमिका

नई दिल्ली, 4 अप्रैल। डॉ भीमराव अंबेडकर कॉलेज में तीन दिवसीय 31वें वार्षिक खेल उत्सव का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता , पद्मश्री डॉ सत्यपाल सिंह और कॉलेज प्राचार्य प्रो सदानंद प्रसाद, शारीरिक शिक्षा समन्वयक डॉ के के शर्मा, खेल समिति के संयोजक डॉ ललित कुमार उपस्थित रहे। 

 


डॉ सत्यपाल सिंह ने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं एक कोच हूं इसीलिए मैं बोलने से ज्यादा कुछ करने में विश्वास रखता हूं। कोच हमेशा मार्गदर्शक की भूमिका में होता है। वह खिलाड़ी को निखारने का काम करता है। उन्होंने कहा कि लोगों को अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को अच्छा बनाने के लिए किसी भी खेल से जुड़ना चाहिए। खेल से  शारीरिक और मानसिक श्रम होता है जिसके कारण  शरीर में स्फूर्ति आ जाती है। उन्होंने  कहा कि दस साल पहले पैरालंपिक खेलों को कोई नहीं जानता था लेकिन आज भारत के खिलाड़ी इसमें भी देश का नाम रौशन कर रहे हैं। 

डॉ के के शर्मा ने कहा कि भीमराव अंबेडकर  कॉलेज ने विभिन्न खेलों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी को निखारने का काम किया है और आगे भी कॉलेज खिलाड़ियों के लिए  मंच प्रदान करता रहेगा। कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत ओलंपिक की तर्ज पर अतिथियों ने  मशाल यात्रा निकालकर की । पहले दिन विद्यार्थियों के लिए सौ, दो सौ और चार सौ मीटर दौड़, रस्साकस्सी, टेबल टेनिस, नींबू चम्मच दौड़ आदि खेल  प्रतियोगताओं का आयोजन किया  जिसमें विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। 

कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के समक्ष दीपार्जन के साथ हुआ। अतिथि का स्वागत पौधा और शॉल देकर किया गया। इस दौरान शिक्षकों के साथ भारी संख्या विद्यार्थी भी उपस्थित रहे।

वक़्फ़ संशोधन कानून निष्पक्ष और न्यायसंगत : अभाविप

नई दिल्ली, 4 अप्रैल।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भारतीय संसद के दोनों सदनों में पारित किए गए वक्फ संशोधन विधेयक का हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन करती है। यह विधेयक वक्फ से जुड़े कई विवादों को न्यायसंगत प्रक्रिया के साथ समाप्त करने में सहायक होगा तथा वक्फ काउंसिल में गैर-मुस्लिमों और महिलाओं को शामिल किए जाने से इसे अधिक पारदर्शी, निष्पक्ष एवं प्रामाणिक बनाया जा सकेगा। वक्फ संपत्तियों के ऑडिट और पंजीकरण को अनिवार्य करने तथा सरकारी संपत्तियों की सुरक्षा हेतु निश्चित किए गए प्रावधान भी सराहनीय हैं, इससे इस कानून को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा।

वक्फ संशोधन विधेयक के अंतर्गत वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए छह महीने के भीतर उनका ऑनलाइन पंजीकरण अनिवार्य होगा, जिससे सरकार को उनकी ऑडिट और निगरानी का अधिकार मिलेगा, जिससे इस कानून के दुरुपयोग को रोका जा सकेगा। वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों और महिलाओं को शामिल किए जाने से विविधता और निष्पक्षता एवं साथ ही निर्णयों में मतों की व्यापकता सुनिश्चित होगी। लोकतांत्रिक प्रक्रिया के साथ लोकसभा तथा राज्यसभा में पारित वक़्फ़ संशोधन विधेयक में केवल दान में प्राप्त संपत्तियों को ही वक्फ संपत्ति माना जाएगा और बिना दस्तावेज एवं सर्वेक्षण के किसी संपत्ति पर वक्फ का दावा नहीं किया जा सकेगा। अभाविप आशा करती है कि संविधान की मूल भावना के अनुरूप, वक़्फ़ संशोधन कानून सर्वसमावेशी, न्यायसंगत एवं वक़्फ़ प्रबंधन में पारदर्शिता को सुनिश्चित करेगा। इसके अतिरिक्त, सरकारी संपत्तियों पर वक्फ के दावे की जांच वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कराई जाएगी और यदि दावा गलत पाया जाता है, तो वह संपत्ति राजस्व रिकॉर्ड में सरकारी संपत्ति के रूप में दर्ज कर दी जाएगी, इससे विवाद की स्थिति में नैतिक एवं प्रामाणिक रूप से सर्वसम्मत निर्णय लेने में सहायता मिलेगी । इस विधेयक में वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसलों को हाईकोर्ट तक चुनौती देने की अनुमति एवं अवसर दिया गया है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होगी और व्यक्तिगत अधिकारों को भी बल मिलेगा। अभाविप का यह स्पष्ट मत है कि संवैधानिक प्रक्रियाओं के माध्यम से पारित यह दीर्घ एवं बहुप्रतीक्षित न्यायिक संशोधन लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता की ओर एक और शशक्त कदम है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्री वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा की दोनों भारतीय संसद सदनों द्वारा पारित किया गया वक्फ संशोधन विधेयक भारत के समग्र विकास में निष्पक्षता के लिए आवश्यक है। पूर्व के वक्फ कानून को लेकर विभिन्न विवाद एवं चुनौतियाँ सामने आती रही हैं, जिन्हें इस नवीन विधेयक के माध्यम से निष्पक्षता के साथ निश्चित रूप से हल किया जा सकेगा। वक्फ काउंसिल में महिलाओं एवं गैर-मुस्लिमों की भागीदारी सुनिश्चित करने का निर्णय इसे और अधिक निष्पक्ष और संतुलित बनाएगा। संप्रदाय के आधार पर भेदभाव न करने का यह प्रयास समानांतर सत्ता की अवधारणा को समाप्त करने वाला है। समस्त भारतीय नागरिकों को इस नवीन कानून को व्यापकता एवं पूर्व के कानून के साथ तुलनात्मक रूप से अध्ययन करना चाहिए एवं तथ्यात्मक समझ के साथ ही विचार मंथन करना चाहिए। अभाविप, सरकार द्वारा पारदर्शिता और न्यायिक सुधार की दिशा में उठाए गए इस महत्वपूर्ण कदम की सराहना करती है और इसे भारतीय समाज में समानता एवं समावेशिता की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल मानती है। 

सर्वकष्ट हरने वाली देवी माँ कालरात्रि जी की पूजा


नई दिल्ली, 4 अप्रैल। शारदीय नवरात्र के छठे दिन आदि शक्तिपीठ झण्डेवाला  देवी मंदिर में माँ के सातवें स्वरूप, माँ कालरात्रि की पूजा–अर्चना व श्रृंगार विधिवित किया गया l माँ का यह स्वरूप अति भयावना है किंतु यह अपने उपासकों को सदैव शुभ फल देने वाला है l दुष्ट, दानव, दैत्य, भूत, प्रेत इनके स्मरण मात्र से ही भयभीत होकर भाग जाते हैं l प्रात: 4:00 बजे से रात्रि 12 बजे तक के  सारे कार्यकर्मों का सीधा प्रसारण झण्डेवाला देवी मंदिर यूट्यूब चैनल , वेबसाइट, फेसबुक पर किया गया l  निशुल्क मेंहदी, चाय शर्बत और मदर/अमूल डेयरी के स्टाल का भक्त लोग भरपूर आनंद उठा रहे हैं। आज मंदिर में विभिन्न भजन/कीर्तन मंडलियो द्वारा मां का गुणगान किया गया।

Thursday, 3 April 2025

डीटीयू में फीस वृद्धि का विरोध

नई दिल्ली, 3 अप्रैल। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के नेतृत्व में आज दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) में छात्रहित से जुड़े गंभीर मुद्दों को लेकर एक विशाल विरोध प्रदर्शन किया गया। इस आंदोलन में सैकड़ों छात्रों ने भाग लिया और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। विश्वविद्यालय में हो रही अनुचित फीस वृद्धि, हॉस्टल शुल्क में तीन गुना बढ़ोतरी, बैकलॉग एवं मेकअप परीक्षा शुल्क में मनमानी बढ़ोतरी जैसी समस्याएँ छात्रों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ डाल रही हैं। इसके अतिरिक्त, मेस में खराब गुणवत्ता का भोजन, परीक्षा परिणाम में देरी, नई ग्रेडिंग प्रणाली की विसंगतियाँ, और प्रशासन की अकर्मण्यता छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही हैं।

अभाविप ने इस प्रदर्शन के माध्यम से न केवल इन मुद्दों को उजागर किया, बल्कि विश्वविद्यालय प्रशासन से तत्काल समाधान की माँग भी की। शिक्षण गुणवत्ता में गिरावट, शिकायत निवारण प्रणाली की निष्क्रियता, कैंपस की मूलभूत सुविधाओं की कमी जैसे मुद्दों को लेकर छात्रों में गहरी नाराजगी है। मुख्य कैंटीन और विश्वविद्यालय के बैक गेट को पुनः खोलने की माँग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन प्रशासन की उदासीनता के कारण छात्रों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

प्रदर्शन के बाद, एबीवीपी के नेतृत्व में 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने विश्वविद्यालय कुलपति से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने प्रशासन से सभी समस्याओं पर ठोस कदम उठाने की माँग रखी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि एक सप्ताह के भीतर सभी मुद्दों पर ठोस निर्णय लेकर समाधान की दिशा में कार्य किया जाएगा।

एबीवीपी डीटीयू इकाई अध्यक्ष अजय दहिया एवं इकाई मंत्री नितेश महाला ने कहा की विश्वविद्यालय प्रशासन को विद्यार्थियों की समस्याओं को गंभीरता से लेना होगा और उनका शीघ्र समाधान सुनिश्चित करना होगा। इसी संदर्भ में, एबीवीपी प्रतिनिधिमंडल ने कुलपति को विभिन्न छात्र-संबंधी मुद्दों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा है। प्रशासन ने हमें आश्वासन दिया है कि एक सप्ताह के भीतर सभी समस्याओं के समाधान पर निष्कर्ष पर पहुँचा जाएगा। यदि इस अवधि में ठोस समाधान नहीं निकाला गया, तो विद्यार्थी परिषद मजबूती से आवाज़ उठाएगी और आवश्यकता पड़ने पर बड़े स्तर पर आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेगी।

हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा किए जारहे पर्यावरणीय क्षति का विरोध


नई दिल्ली, 3अप्रैल। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रीय मंत्री श्रवण बी. राज के नेतृत्व में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात की और हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय की 400 एकड़ भूमि के अतिक्रमण व अवैध नीलामी के मुद्दे पर ज्ञापन सौंपा। यह भूमि कांचा, गाचीबोवली में स्थित है और तेलंगाना सरकार द्वारा निजी संस्थाओं को बेचने के लिए नीलाम की जा रही है। प्रतिनिधिमंडल ने पर्यावरण मंत्रालय से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की, ताकि विश्वविद्यालय की जैव विविधता, वनस्पतियों और जीवों को अतिक्रमण से बचाया जा सके।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार अपने निहित स्वार्थों के तहत आईटी हब विकास परियोजना की आड़ में विश्वविद्यालय की भूमि को अपने करीबी निजी संस्थानों को देने के लिए नीलाम कर रही है। सरकार ने पहले ही जंगल को बुलडोज़र से साफ करने का काम शुरू कर दिया है और छात्र समुदाय की विरोधी आवाज़ों को दबाने का प्रयास कर रही है। यह 400 एकड़ भूमि घने हरित क्षेत्र, दुर्लभ वनस्पतियों और जीव-जंतुओं का आश्रय स्थल है, जहां 734 प्रकार की वनस्पतियां, 220 प्रकार की पक्षी प्रजातियां और संकटग्रस्त भारतीय स्टार कछुआ जैसे जीव पाए जाते हैं। इस क्षेत्र में मौजूद ‘पीकॉक लेक’ और ‘बफैलो लेक’ स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने में सहायक हैं। इसके अलावा, हैदराबाद की भूवैज्ञानिक धरोहर का प्रतीक ‘मशरूम रॉक’ भी इसी भूमि का हिस्सा है।

अभाविप द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में कई प्रमुख मांगें सम्मिलित हैं, जिनमें पर्यावरण मंत्रालय द्वारा त्वरित हस्तक्षेप कर जंगलों की कटाई से हो रहे भूमि क्षरण को रोकना, हैदराबाद की पारिस्थितिकी तंत्र का अभिन्न अंग मानी जाने वाली समृद्ध वनस्पतियों और जीवों का संरक्षण सुनिश्चित करना, विश्वविद्यालय परिसर में रहने वाली संकटग्रस्त प्रजातियों को बचाना और अवैध अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना आदि उल्लेखित है। साथ ही, इस क्षेत्र को एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय संपत्ति के रूप में मान्यता देने की मांग भी उठाई गई।

अभाविप के राष्ट्रीय मंत्री श्रवण बी. राज ने कहा की रेवंत रेड्डी सरकार ने अपने निहित स्वार्थों को पूरा करने के लिए विश्वविद्यालय की भूमि पर अतिक्रमण शुरू कर दिया है और निजी संस्थाओं को लाभ पहुंचाने के लिए अवैध कार्यों को अंजाम दे रही है। सरकार ने पहले ही बुलडोज़र लगाकर इस शहरी जंगल को नष्ट करने का कार्य आरंभ कर दिया है, जिससे क्षेत्र की पारिस्थितिक संतुलन और पर्यावरणीय स्थिरता को गंभीर खतरा पैदा हो गया है। आज हमारे प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात कर इस अवैध अतिक्रमण को तत्काल रोकने और हैदराबाद क्षेत्र की समृद्ध जैव विविधता की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की। वहीं एबीवीपी की राष्ट्रीय मंत्री शिवांगी खारवाल ने कहा की विश्वविद्यालय परिसर के भीतर स्थित प्राकृतिक आवास पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसे समय में जब पूरी दुनिया ‘ग्लोबल वार्मिंग’ और पर्यावरणीय क्षरण जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है, इस महत्वपूर्ण हरित क्षेत्र का विनाश न केवल स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित करेगा, बल्कि समाज और आने वाली पीढ़ियों के लिए भी गंभीर संकट पैदा करेगा। चूंकि रेवंत रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार ने विश्वविद्यालय की भूमि पर अतिक्रमण करने की साजिश रची है, इसलिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद लगातार इस मुद्दे पर संघर्षरत है और छात्र समुदाय की आवाज़ को बुलंद कर रही है। हम तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे, जब तक कि सरकार विश्वविद्यालय की भूमि और इस जंगल में रहने वाले निर्दोष जीव-जंतुओं को नष्ट करने की अपनी घृणित योजना को पूरी तरह छोड़ नहीं देती।

वनवासी कल्याण आश्रम ने वक्फ बोर्ड से संबन्धित बिल का किया स्वागत

नई दिल्ली 2 अप्रैल। पिछले दिनो लोक सभा में वक्फ बोर्ड के प्रावधानों में सुधार के संदर्भ में चर्चा शुरू हुई और देर रात बिल 288 मतों से पारित हुआ। वनवासी कल्याण आश्रम ने कुछ समय पूर्व जेपीसी के समक्ष देश भर के विभिन्न स्थानों पर अपना पक्ष रखते हुए ज्ञापन दिएं थे। उसी के कारण जेपीसी ने अपनी रिपोर्ट में सरकार से यह सिफ़ारिश की कि वक़्फ़ बिल में जनजातियों की ज़मीन की सुरक्षा के प्रावधान करें। 

वनवासी कल्याण आश्रम ने गत 15 दिनों के सतत प्रयासों का यह परिणाम है कि कानून एवं अल्पसंख्यक विभाग के माननीय मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने लोक सभा में यह घोषणा की कि जनजातियों की ज़मीन; संविधान की पाँचवी और छठी अनुसूची की जनजाति भूमि वक़्फ़ के दायरे से बाहर रहेगी। वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय सत्येंद्र सिंह मे कहा कि जनजातियों की भूमि को सुरक्षित रखने के लिये भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का बहुत बहुत आभार और अभिनंदन। 

नव हिन्द स्कूल में यज्ञ के साथ नए सत्र का शुभारंभ


नई दिल्ली, 3 अप्रैल। नई रोहतक रोड स्थित नव हिन्द स्कूल में शिक्षा सत्र 2025-26 का शुभारंभ वैदिक रीति से यज्ञ के साथ किया गया। इस पवित्र आयोजन में प्रधानाचार्या श्रीमती सीमा खर्बंदा सहित सभी शिक्षकगण, छात्र-छात्राएँ एवं विद्यालय परिवार के सदस्य उपस्थित रहे। यज्ञ के माध्यम से विद्यालय प्रांगण को शुद्ध एवं सकारात्मक ऊर्जा से भरते हुए, सभी ने मिलकर नवीन सत्र के सफल संचालन की प्रार्थना की। इसके पश्चात् छात्रों एवं शिक्षकों ने निष्ठा, ईमानदारी, अनुशासन एवं उत्कृष्ट शिक्षा का संकल्प लिया।

प्रधानाचार्या सीमा खर्बंदा ने इस अवसर पर सभी को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन को संस्कारों और मूल्यों से संवारने का माध्यम है। उन्होंने छात्रों को परिश्रम, संयम और आत्मनिर्भरता के पथ पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के अंत में शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने नए सत्र में श्रेष्ठ उपलब्धियाँ हासिल करने और विद्यालय को गौरव दिलाने का संकल्प लिया। इस शुभ अवसर पर सभी ने यज्ञ की दिव्य आहुति के साथ उज्ज्वल भविष्य की कामना की।