Friday, 21 February 2025

एबीवीपी दिल्ली का 60वां प्रांत अधिवेशन का शुभारंभ


नई दिल्ली, फरवरी। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद दिल्ली प्रांत के 60वें प्रांत अधिवेशन का शुभारंभ आज गुरु गोविन्द सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय में भव्य रूप से हुआ। उद्घाटन सत्र में वरिष्ठ पत्रकार रुबिका लियाकत मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं, जिन्होंने छात्रों को राष्ट्रहित में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान, राष्ट्रीय मंत्री शिवांगी खरवाल, प्रांत अध्यक्ष तपन बिहारी, प्रांत मंत्री सार्थक शर्मा रहे। इसके साथ ही, प्रांत अधिवेशन की स्वागत समिति के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता सुकुमार पट्ट जोशी और स्वागत समिति के मंत्री समाजसेवी कमलकांत ने सभी का स्वागत किया। सैकड़ों कार्यकर्ताओं और छात्रों की भागीदारी के साथ इस अधिवेशन की शुरुआत अत्यंत उत्साह और जोश भरी रही।

अधिवेशन में शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण, युवाओं की सामाजिक भागीदारी, तकनीकी विकास और सांस्कृतिक पुनरुद्धार जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई। विशेष रूप से दिल्ली की नदियों, खासकर यमुना नदी के संरक्षण और पुनरुद्धार के लिए ठोस प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए। इसके अतिरिक्त, 600 से भी अधिक सहभागी रहे प्रतिनिधियों द्वारा भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। समाज, शिक्षा और राष्ट्रीय हित से जुड़े विषयों पर परिचर्चाएँ आयोजित की गई। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से भारतीय संस्कृति की विविधता और गौरवशाली परंपराओं को भी प्रदर्शित किया गया।


अपने संबोधन में मुख्य अतिथि, वरिष्ठ पत्रकार रुबिका लियाकत ने कहा कि एबीवीपी एक ऐसा मंच है जो निडर और आदर्श नेतृत्व को तैयार करता है। इसी संगठन से निकलकर कई विद्यार्थी शीर्ष पदों तक पहुंचे हैं, जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण दिल्ली की वर्तमान मुख्यमंत्री बनीं रहैं। जिस प्रकार एक कुम्हार गीली मिट्टी को आकार देकर घड़ा बनाता है, उसी तरह एबीवीपी छात्रों को एक अच्छे नागरिक के रूप में गढ़कर माँ भारती की सेवा के लिए तैयार करता है। साथ ही अभाविप के राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान ने कहा कि एबीवीपी केवल एक छात्र संगठन नहीं, बल्कि एक आंदोलन है जो राष्ट्रवादी चिंतन और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए युवाओं को प्रेरित करता है। उन्होंने शिक्षा नीति, तकनीकी विकास और युवाओं की सामाजिक भागीदारी पर जोर देते हुए छात्रों से सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया।

अभाविप दिल्ली के प्रांत मंत्री सार्थक शर्मा ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का यह प्रांत अधिवेशन केवल एक वार्षिक आयोजन नहीं, बल्कि छात्र शक्ति को एकजुट कर समाज की आवश्यकताओं को समझने और राष्ट्र पुनर्निर्माण में योगदान देने का एक प्रभावी मंच है। विगत वर्ष में अभाविप दिल्ली की सदस्यता 67659 हुई है जो कि पिछले वर्षों के तुलना में सर्वाधिक है निश्चित ही विद्यार्थी परिषद से जुड़ने के लिए विद्यार्थी आतुर हैं। अधिवेशन के दौरान आए प्रस्तावों को पारित कर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार को भी प्रेषित किया जाएगा, ताकि छात्र हित और राष्ट्र निर्माण से जुड़े विषयों पर प्रभावी कार्य हो सके।

60th ABVP Delhi State Conference Commences at Guru Gobind Singh Indraprastha University


New Delhi, 21 February. The 60th State Conference of Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad, Delhi commenced today at Guru Gobind Singh Indraprastha University. The inaugural session was graced by the presence of Senior Journalist Rubika Liyaqat as the Chief Guest who inspired students to actively contribute to national interest. Distinguished guests included ABVP National Organising Secretary Shri Ashish Chauhan, National Secretary Shivangi Kharwal, State President Tapan Kumar Bihari and State Secretary Sarthak Sharma. The Reception Committee was chaired by senior advocate Sukumar Patjoshi along with Kamalkant as the reception committee secretary. The conference began with great participation from hundreds of activits and students. 

During the conference, key resolutions were presented on topics such as education, environmental protection, the role of youth in society, technological development, and cultural revival. A prominent resolution proposed during the event emphasized the conservation and full fledged cleaning of the Yamuna River. Furthermore, over 600 students also participated in a grand Shobha Yatra. Additionally, in-depth discussions on education, the environment, and societal development were held.

Senior Journalist and Chief Guest Rubika Liyaqat stated that ABVP is an organization that serves as a platform which harbors fearless and exemplary leaders who have risen to higher ranks, like Rekha Gupta, who recently became the CM of Delhi. Just as a potter crafts wet mud into a pot, ABVP moulds students and helps them become good citizens to serve Maa Bharati.


ABVP National Organising Secretary Shri Ashish Chauhan stated, "ABVP is not merely a student organisation but it's a movement that  inculcates nationalist ideology in the minds of youth and empowering them to drive comprehensive societal transformation." He urged the students to take an active role in shaping educational policies, technological progress and social engagement. 

ABVP Delhi State Secretary Sarthak Sharma stated This conference is not just an annual event but a significant platform for uniting students power , understanding societal needs and contributing to nation development. During the last session, ABVP achieved a membership of 67,659, the highest compared to previous years reflecting the eagerness of students to join the organization. The resolutions presented during the conference will be submitted to both Central and Delhi Government to ensure effective action on student welfare and nation's development.

Wednesday, 19 February 2025

शोध और प्रकाशन नैतिकता पर संगोष्ठी का आयोजन


नई दिल्ली, 16 फरवरी। अदिति महाविद्यालय, दिल्ली विश्ववि‌द्यालय के अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ द्वारा 17 फरवरी 2025 को कॉलेज ऑडिटोरियम में "शोध और प्रकाशन नैतिकता की समझ" विषय पर एक सत्र का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया, जिसके बाद ब्लू स्टार पब्लिकेशन के साथ इंटर्नशिप ड्राइव आयोजित की गई। इस कार्यक्रम का उद्‌देश्य छार्जी को नैतिक शोध पद्धतियों, प्रकाशन की सत्यनिष्ठा, और शैक्षणिक प्रकाशन में करियर के अवसरों के बारे में मूल्यवान जानकारी प्रदान करना था। इस अवसर पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए), संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के डीन (प्रशासन) प्रोफेसर (डॉ.) रमेश सी. गाँड ने मुख्य वक्ता के रूप में भाग लिया और शोध नैतिकता, साहित्यिक चोरी (प्लेज़ियरिज़म), कॉपीराइट मु‌द्दे और अवैध जर्नल्स पर एक व्यापक व्याख्यान दिया। उन्होंने शैक्षणिक ईमानदारी बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया और छात्रों को उत्तरदायी शोध लेखन एवं उपयुक्त जर्नल चयन के बारे में मार्गदर्शन दिया।

मुख्य व्याख्यान के बाद एक इंटरएक्टिव प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित किया गया, जिसमें छात्रों ने शोध पद्धतियाँ, नैतिक दुविधाएँ और अकादमिक लेखन में कृत्रिम बु‌द्धिमत्ता (एआई) की भूमिका जैसे विषयों पर चर्चा की। कार्यक्रम के दूसरे भाग में ब्लू स्टार पब्लिकेशन के साथ इंटर्नशिप ड्राइव आयोजित की गई, जिसमें ब्लू स्टार पब्लिकेशन की संस्थापक, जानवी ने छात्रों को लेखन, संपादन और प्रकाशन में इंटर्नशिप के अवसरों के बारे में जानकारी दी। इस ड्राइव का उ‌द्देश्य छात्रों को प्रकाशन उ‌‌द्योग का व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना था, जिससे वे अपने लेखन और संपादन कौशल को निखार सकें। इस कार्यक्रम में 90 से अधिक छात्रों ने विभिन्न विषयों से भाग लिया, और कर-आधारित पंजीकरण प्रक्रिया ने सुचारू नामांकन सुनिश्चित किया।


यह सत्र छात्रओं को नैतिक शोध पद्धतियों पर आवश्यक ज्ञान प्रदान करने और प्रकाशन में करियर के अवसर उपलब्ध कराने में सफल रहा। ब्लू स्टार पब्लिकेशन के सहयोग से यह कार्यक्रम छात्रों के लिए एक व्यावहारिक और ज्ञानवर्धक अनुभव बना। अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए प्रोफेसर रमेश सी. गौड़, ब्लू स्टार पब्लिकेशन, और सभी छात्र प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करता है। विशेष रूप से प्रोफेसर भावना राजपूत (संयोजक), प्रतिमा (अध्यक्ष), दीक्षा (उपाध्यक्ष), और प्रोफेसर ममता शर्मा (प्राचार्य) को इस ज्ञानवर्धक सत्र के आयोजन में उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया जाता है।

Wednesday, 12 February 2025

दिल्ली के अंबेडकर महाविद्यालय में वार्षिक उत्सव का आयोजन


नई दिल्ली, 12 फरवरी। डॉ भीमराव अंबेडकर महाविद्यालय के 34वें वार्षिक उत्सव के अवसर पर अकादमिक, सांस्कृतिक और अन्य प्रतिस्पर्धाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार प्रदान किये गये।

कॉलेज के प्राचार्य प्रो. सदानंद प्रसाद ने कॉलेज की सालभर की गतिविधियों की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कॉलेज की  शोध अकादमिक एवं अन्य उल्लेखनीय उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को कक्षाओं के अलावा भी सीखने की आवश्यकता है।

मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की पूर्व चेयरपर्सन विजया भारती रुपानी ने कहा कि समावेशी समाज निर्माण आज की आवश्यकता है। शिक्षा उसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। देश की प्रगति एवं विकास में शिक्षा की अहम भूमिका है और इसके केन्द्र में विद्यार्थी हैं। विशिष्ट अतिथि के रूप में कॉलेज एलुमनी एवं डिप्टी कमिश्नर इमरान रजा ने विद्यार्थियों को लगातार सीखते रहने की सलाह दी। उन्होंने शिक्षक को अपना रोल मॉडल बनाने का आह्वान किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रबंध समिति के अध्यक्ष  प्रो. पंकज त्यागी ने कहा कि छोटे-छोटे प्रयास ही हमें बड़े लक्ष्य की ओर ले जाते हैं। डॉ माधुरी सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि कॉलेज जीवन में कैरियर के लिए अनेक अवसर आते हैं। विद्यार्थी अगर लक्ष्य केन्द्रित रहते हैं तो विपरीत परिस्थितियाँ कोई प्रभाव नहीं डाल सकतीं।

भूगोल विभाग के तृतीय वर्ष के विद्यार्थी अभिषेक शर्मा को कॉलेज के सर्वोत्तम विद्यार्थी का पुरस्कार प्रदान किया गया। गणतंत्र दिवस कैम्प और परेड में हिस्सा लेने वाले अनुराग चौहान और किशन कुमार को भी पुरस्कृत किया गया। विभिन्न विभागों में उत्कृष्ट प्रदर्शन  करने वाले विद्यार्थियों को श्रीमती सीता पातंजलि, शीतला प्रसाद सिंह जयंती मेमोरियल आदि अवार्ड सहित पंद्रह विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक से पुरस्कृत किया गया। दिव्यांग टॉपर प्रणव उनियाल को भी पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. पूनम मितल ने किया। कार्यक्रम संयोजक प्रो. दीपाली जैन और सह-संयोजक प्रो. ममता यादव के संयोजन में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

सांस्कृतिक कार्यक्रम मदारी का हुआ आगाज

करुणा नयन चतुर्वेदी 


नई दिल्ली, 12 फरवरी। दिल्ली विश्वविद्यालय के उत्तरी परिसर में  छात्रसंघ एवं राष्ट्रीय कला मंच के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम मदारी का शुभारंभ हुआ। प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेता मुकेश तिवारी, अभाविप के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री देवदत्त जोशी, राष्ट्रीय कला मंच की राष्ट्रीय संयोजिका गुंजन ठाकुर ने मां सरस्वती और स्वामी विवेकानंद के प्रतिमा पर मल्यार्पण और दीपार्जन करके कार्यक्रम की शुरुआत की। 

सांस्कृतिक कार्यक्रम मदारी में विभिन्न महाविद्यालय और विश्वविद्यालयों से आयी विद्यार्थियों की टोलियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। नुक्कड़ नाटकों ने जहां सामाजिक ज्वलंत मुद्दों पर लोगों का ध्यान आकर्षित किया, वहीं गीत, संगीत और नृत्य प्रस्तुतियों ने सभी को झूमने पर मजबूर किया।  कार्यक्रम की प्रस्तुतियों ने भारत की सांस्कृतिक विरासत की छवि को सभी के सामने प्रस्तुत किया। जिसमें रंग, वेश और भाषा की भिन्नता होने के बावजूद भारतीयता का भाव प्रदर्शित होता दिखाई दिया।

Tuesday, 11 February 2025

दिल्ली विश्वविद्यालय में सांस्कृतिक उत्सव मदारी का आयोजन


नई दिल्ली, 11 फरवरी।  राष्ट्रीय कला मंच अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद नीत दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ  के सहयोग से अपने तीन दिवसीय वार्षिक सांस्कृतिक उत्सव मदारी के छठे संस्करण का आयोजन कर रहा है। यह बहुप्रतीक्षित कार्यक्रम 12 फरवरी से 14 फरवरी तक दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस में आयोजित होगा। इस कार्यक्रम में विभिन्न कलाओं, प्रदर्शनी और भारत की समृद्ध संस्कृति एवं विरासत की सजीव झलक देखने को मिलेगी।  

मदारी का 6वां संस्करण 12 से 14 फरवरी तक आर्ट्स फैकल्टी, नॉर्थ कैंपस में आयोजित किया जाएगा। यह मंच, रंगमंच और नुक्कड़ नाटक टोलियों को समाजिक मुद्दों पर आधारित कला की प्रस्तुति करने का अवसर प्रदान करेगा, जिनमें साहित्य समाज का दर्पण, महिलाओं का दृष्टिकोण और छात्रों के विचार जैसे विषय शामिल हैं। मदारी के इस संस्करण को तीन प्रमुख खंड में विभाजित किया गया है। इस आयोजन में अलग अलग तीन खंड हैं। पहला खंड खिचड़ी जिसमें विभिन्न कॉलेज की सांस्कृतिक समितियाँ अपनी रचनात्मकता और कला का प्रदर्शन करेंगी। दूसरा खंड धरोहर जिसमें भारतीय लोक संस्कृति को कविता, संगीत और नृत्य के माध्यम से जीवंत करेगा।  तीसरा खंड ग्राम्य जिसमें  समाज की जमीनी सच्चाइयों को प्रदर्शनी के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा।  

इस वर्ष मदारी में दिल्ली विश्वविद्यालय के 5000 से अधिक विद्यार्थी सहभागी होंगे, जो प्रदर्शन कला, चित्रकला और नुक्कड़ नाकट के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। विजेता टीमों को नकद पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे, जिनमें प्रतिभागियों को प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान के आधार पर सम्मानित किया जाएगा। इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण महाकुंभ पर आधारित विशेष प्रदर्शनी होगी जो भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करेगी साथ ही प्लास्टिक-मुक्त नीति के तहत पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देते हुए इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ उपाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने कहा की मदारी 2025, जो 12 से 14 फरवरी के बीच दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस में आयोजित होगा, विद्यार्थियों के लिए अपनी रचनात्मकता और कला को प्रदर्शित करने का एक शानदार मंच है। यह उत्सव तीन विशिष्ट खंडों में विभाजित है, जिनमें प्रत्येक का अपना महत्व और प्रभाव है। हमें विश्वास है कि यह आयोजन न केवल एक सांस्कृतिक उत्सव के रूप में बल्कि युवाओं को अपनी समृद्ध विरासत से जोड़ने के एक आंदोलन के रूप में भी अपनी छाप छोड़ेगा।


दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ सचिव मित्रविंदा कर्णवाल ने कहा की मदारी सिर्फ एक सांस्कृतिक उत्सव नहीं है, बल्कि भारतीय परंपराओं, कला और कहानी कहने की विधाओं को पुनर्जीवित करने का एक प्रयास है। रंगमंच, संगीत और कविता के माध्यम से हम छात्रों को अपनी अभिव्यक्ति के लिए एक सशक्त मंच प्रदान करते हैं। इस वर्ष महाकुंभ पर आधारित विशेष प्रदर्शनी युवाओं को अपनी जड़ों से जोड़ने और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों को और गहराई से समझने के लिए प्रेरित करेगी।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश मंत्री हर्ष अत्री ने इस मौके पर कहा की हर वर्ष मदारी एक जीवंत और विविधतापूर्ण सांस्कृतिक संगम बनता जा रहा है। इस बार भी, यह उत्सव प्रदर्शन कला और सामाजिक अभिव्यक्ति में रुचि रखने वाले हजारों छात्रों के लिए एक समृद्ध अनुभव प्रदान करेगा। इसके साथ ही, इस कार्यक्रम के आयोजन में सिंगल यूज़ प्लास्टिक-मुक्त नीति अपनाकर हम पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालने का प्रयास कर रहे हैं।

Monday, 10 February 2025

प्रेम की मूक अभिव्यक्ति : इमेजेस ऑफ लव

करुणानयन चतुर्वेदी  

दिल्ली, 8 फरवरी । राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में भारत रंग महोत्सव के बारहवें दिन तीसरे अंतरराष्ट्रीय नाटक  ‘इमेजेस ऑफ लव’ का मंचन हिल्ट ब्लैक लाइट थिएटर (प्राग, चेक गणराज्य) ग्रुप द्वारा किया गया। इस नाटक का मंचन दिल्ली के कॉपरनिकस मार्ग स्थित कमानी सभागार में किया गया ‘इमेजेस ऑफ लव’ नामक इस नाटक में, फिल्म प्रोजेक्शनों को जीवंत ब्लैक लाइट थिएटर के साथ मिलाकर प्रेम, भावनाओं और प्रेम के विविध रूपों की एक स्वप्निल यात्रा दर्शकों के सामने प्रस्तुत की गई। यह नाटक मल्टीमीडिया प्रभावों और इंटरैक्टिव कहानी कहने की शैली का एक अद्भुत मिश्रण था, जिसने दर्शकों को हँसने, नाचने और प्रेम के उतार-चढ़ाव को महसूस करने के लिए प्रेरित किया। थियोडोर होइडेकर द्वारा लिखित और निर्देशित इस नाटक में सभागार दर्शकों से भरा हुआ था। नाटक अपने अनूठे कलात्मक प्रयोगों और अभूतपूर्व दृश्य प्रभावों के कारण, यह नाटक दर्शकों को एक नई और अद्भुत नाट्य शैली का अनुभव कराने में पूरी तरह सफल रहा। नाटक में डिजिटल मल्टी मीडिया आदि बखूबी प्रयोग किया गया था।